Sunita gupta

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दैनिक प्रतियोगिता मन की आवाज

लगी है मां लगन तुमसे ,मेरे हृदय मे आ जाना ।
हृदय झंकृत करो मेरा ,कृपा के फूल बरसाना।

तेरे दर पे खड़ी हूं मां,मेरी विनती सुनो तुम मां।
भक्तों को दरस दिखा देना ,मां अपनी कृपा बरसा देना ।

नैया मेरी भंवर मे फसी ,उसको तुम पार लगा देना ।
तेरे दर पे जो भी आए बो खाली हाथ न जाए।

चक्रों पे मेरे आकर मां ,चैतन्य से तुम भर जाना मां।
ऐसी शक्ति दो मां मुझको ,मेरा जीवन सफल हो मां।

कभी दुख निर्मल मां मुझको सताए नाम न भूलूं,
बहाना प्यार की सरिता ,मुझे फिर आजमाना ना।

तुम्ही हो स्नेह की दरिया ,बहा करते हृदय मे हो ,
तुम्हारी प्रीत देवी है,तुम्हारा प्रेम ईश्वर है।

हृदय झंकृत करो मेरा ,कृपा के फूल बरसाना ।
सुनीता गुप्ता सरिता कानपुर

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6 Comments

Pratikhya Priyadarshini

30-Nov-2022 09:23 PM

Bahut khoob 💐🙏

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लाजवाब लाजवाब

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